"धरती हमारी मां है, और पर्यावरण उसका श्रृंगार। जब पर्यावरण स्वस्थ रहेगा, तभी मानवता का अस्तित्व बना रहेगा।"
World Environment Day : हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें पर्यावरण की रक्षा, उसके संरक्षण और सुधार के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। यह केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक वैश्विक जागरूकता अभियान है जो पृथ्वी के हर नागरिक को यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने पर्यावरण के साथ क्या कर रहे हैं और हमें आगे क्या करना चाहिए।
World Environment Day : विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1972 में की गई थी। इसका पहला आयोजन 1974 में हुआ और तब से यह हर वर्ष किसी न किसी विषय (थीम) के साथ मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना और उन्हें इसके लिए प्रेरित करना है।
हर वर्ष एक नया थीम और मेजबान देश चुना जाता है, जो पर्यावरण से जुड़ी प्रमुख समस्याओं को उजागर करता है। जैसे:
2018 थीम: “Beat Plastic Pollution” – प्लास्टिक प्रदूषण को हराना
2020 थीम: “Time for Nature” – प्रकृति के लिए समय
2023 थीम: “Solutions to Plastic Pollution” – प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान
World Environment Day : पर्यावरण का महत्व
पर्यावरण केवल पेड़-पौधे, नदियाँ और पहाड़ नहीं हैं, बल्कि यह हमारे जीवन की आधारशिला है। पर्यावरण के प्रमुख घटक हैं – वायु, जल, मिट्टी, वनस्पति, जीव-जंतु और मानव। यदि इन तत्वों का संतुलन बिगड़ जाए, तो संपूर्ण जीवन प्रणाली पर खतरा मंडराने लगता है।
- जीवनदायिनी वायु
स्वच्छ वायु हमें सांस लेने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करती है। यदि यह प्रदूषित हो जाए तो श्वसन संबंधी रोग जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और कैंसर जैसे रोग बढ़ते हैं।
- जल – जीवन का आधार
जल के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। लेकिन आज नदियाँ सूख रही हैं, जलस्तर गिर रहा है और जल प्रदूषण गंभीर संकट बन चुका है।
- मिट्टी – अन्नदाता
मिट्टी में ही हमारे अन्न का उत्पादन होता है। यदि मिट्टी प्रदूषित या बंजर हो जाए तो खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो जाएगा।
- वन – पृथ्वी का फेफड़ा
वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। वे जैव विविधता के लिए घर भी हैं।
- प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा
संतुलित पर्यावरण हमें बाढ़, सूखा, तूफान जैसी आपदाओं से भी रक्षा करता है।
World Environment Day : वर्तमान पर्यावरणीय समस्याएँ
आज हमारा पर्यावरण संकट के दौर से गुजर रहा है। आधुनिकता, तकनीकी विकास और भौतिकवादी जीवनशैली ने प्रकृति का अत्यधिक दोहन किया है।
- वायु प्रदूषण
कारखानों, वाहनों, धूल-कणों और प्लास्टिक जलाने से वायु प्रदूषित होती है। यह समस्या महानगरों में विकराल रूप ले चुकी है। WHO के अनुसार, हर साल लाखों लोग वायु प्रदूषण के कारण असमय मृत्यु को प्राप्त करते हैं।
- जल प्रदूषण
घरों से निकलने वाला अपशिष्ट, औद्योगिक कचरा और प्लास्टिक नदी-नालों में बहाया जा रहा है, जिससे जल स्रोत जहरीले बन गए हैं।
- वनों की कटाई (Deforestation)
अत्यधिक पेड़ों की कटाई से जलवायु परिवर्तन, सूखा और बाढ़ जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। वन्यजीवों का आवास समाप्त हो रहा है।
- जलवायु परिवर्तन
ग्लोबल वार्मिंग, समुद्र स्तर में वृद्धि, बर्फबारी में कमी और मौसम चक्र का बिगड़ना इसका परिणाम है।
- प्लास्टिक प्रदूषण
प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, बल्कि मिट्टी और जल दोनों को प्रदूषित करता है। यह पशु-पक्षियों और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक है।
- ध्वनि प्रदूषण और प्रकाश प्रदूषण
उद्योग, ट्रैफिक और लाउडस्पीकर के कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है, जिससे मानसिक तनाव, सुनने की क्षमता में कमी जैसे रोग फैल रहे हैं।
World Environment Day : पर्यावरण संरक्षण के उपाय
अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर इस संकट का समाधान खोजें। सरकार, समाज, उद्योग और व्यक्ति – सभी को पर्यावरण रक्षा में योगदान देना होगा।
- वृक्षारोपण को बढ़ावा देना
हर व्यक्ति को प्रतिवर्ष कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसका संरक्षण करना चाहिए।
- पुनः उपयोग (Reuse) और पुनर्चक्रण (Recycle)
कागज, प्लास्टिक और धातु जैसी वस्तुओं को दोबारा उपयोग में लाना चाहिए ताकि कचरे की मात्रा कम हो।
- सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग
पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की जगह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग करना चाहिए।
- प्लास्टिक का बहिष्कार
प्लास्टिक की थैलियों और बोतलों की जगह कपड़े या जूट के थैले और स्टील/कांच की बोतलों का उपयोग करें।
- जल संरक्षण
टपकती नलों की मरम्मत करें, बारिश के पानी को संचित करें, और जल का अनावश्यक उपयोग न करें।
- जन-जागरूकता अभियान
विद्यालयों, कॉलेजों, पंचायतों और मीडिया के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा दी जानी चाहिए।
- स्वच्छता अभियान
‘स्वच्छ भारत अभियान’ जैसे कार्यों में भाग लेकर हम अपने आसपास की सफाई कर सकते हैं।
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग
निजी वाहनों की जगह साइकिल, बस, मेट्रो का प्रयोग प्रदूषण को कम कर सकता है।
World Environment Day : विद्यार्थियों और युवाओं की भूमिका
युवाओं में ऊर्जा, जोश और विचारों की नवीनता होती है। यदि वे पर्यावरण के प्रति जागरूक हो जाएँ, तो बड़ी से बड़ी समस्या हल की जा सकती है।
स्कूलों में ‘हरित क्लब’ की स्थापना की जा सकती है।
प्रतियोगिताओं जैसे चित्रकला, निबंध, भाषण के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा सकती है।
सोशल मीडिया पर पर्यावरण-संरक्षण के मैसेज फैलाए जा सकते हैं।
‘No to Plastic’, ‘Green Campus’, ‘Clean Surroundings’ जैसे अभियान चलाए जा सकते हैं।
World Environment Day : सरकार की भूमिका
सरकार ने भी अनेक प्रयास किए हैं, जैसे:
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
जल (प्रदूषण निवारण) अधिनियम, 1974
वायु (प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की स्थापना
लेकिन इन कानूनों का प्रभाव तभी बढ़ेगा जब आम नागरिक भी उनका पालन करेगा।
World Environment Day : अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
पर्यावरण की समस्या केवल एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक है। इस हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई संधियाँ हुई हैं:
क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol)
पेरिस समझौता (Paris Agreement)
UNEP (United Nations Environment Programme)
COP सम्मेलन (Conference of Parties)
इन समझौतों का उद्देश्य है – ग्रीनहाउस गैसों को कम करना, तापमान में वृद्धि को रोकना और सतत विकास को बढ़ावा देना।
World Environment Day : निष्कर्ष
“यदि हमें भविष्य को सुरक्षित बनाना है, तो आज पर्यावरण की रक्षा करनी होगी।”
विश्व पर्यावरण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम धरती पर सिर्फ उपभोक्ता नहीं हैं, बल्कि इसके संरक्षक भी हैं। यह केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक सतत आंदोलन है। हमें अपने जीवन की आदतों में परिवर्तन लाना होगा, ताकि हम और आने वाली पीढ़ियाँ इस सुंदर पृथ्वी पर सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।
🌱 प्रेरणादायक नारे (Slogans for Environment)
- पेड़ लगाओ, धरती बचाओ।
- हरित जीवन – सुरक्षित जीवन।
- प्रकृति से प्रेम करो, भविष्य से आशा रखो।
- प्लास्टिक हटाओ, जीवन बचाओ।
- स्वच्छ हवा, स्वस्थ जीवन।